अदब के शहर लखनऊ में साथ पारंपरिक तरीके से खेली गई होली

बरात में ऊंट पर सवार होकर निकले डिप्टी सीएम बृजेश पाठक

लखनऊः लखनऊ की होली अपने पारंपरिक तरीके से मनाई गई। शहर के चैक में गंगा-जमुनी तहजीब के अनुसार सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर होली खेली। यहां ऊंट की सवारी भी निकली।

खुले मौसम में बच्चों से लेकर बड़ों तक सब होली के रंगों से सराबोर होते रहे। होली है….के साथ चैक और चैपटिया में परंपरागत होली बरात निकली। ढोल-नगाड़ों पर झूमते शहरियों ने एक दूसरों को जमकर रंग लगाया। दोपहर तक लोग रंग खेलते रहे। शाम ढलने के बाद एक-दूसरे के घर जाकर होली मिलने की शुरुआत होगी।

राजधानी में सोमवार की सुबह से ही रंग पर्व के रुझान आने शुरू हो गए। रंग बरसे….. और बलम पिचकारी… की घरों और चैराहों पर धुनों पर बच्चों और बड़ों की मस्ती के साथ सुबह की शुरुआत हुई। देखते ही देखते रंगे-पुते चेहरे सड़कों पर नजर आने लगे। मौसम ने भी पूरा साथ दिया।
पुराने लखनऊ के प्रमुख केन्द्र चैक में ‘साहित्य सूर्य अमृत लाल नागर’ और ‘स्व. लालजी टंडन’ ने होली बरात की परंपरा शुरू की थी। होली की रंगारंग बरात गंगा-जमुन तहजीब की एक ऐसी परपंरा है, जो आज तक निभाई जा रही है।

इसमें विधायक, सासंद, पूर्व राज्यपालों ने भी शिरकत की है। होली बरात में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने शामिल होकर होली की शुभकामनाएं दी। ये बरात कोनेश्वर मंदिर से निकली और खुनखुन जी रोड चैराहा, कमला नेहरू मार्ग, विक्टोरिया स्ट्रीट, मेफेयर तिराहा होते हुए अकबरी गेट, चैक से होकर मुन्नुलाल धर्मशाला पर समाप्त हुई।

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