अमेरिकी F-35 वाली मिसाइलों से लैस होगा भारत का जगुआर

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना अपने 1970 के दशक के सेपेकैट जगुआर लड़ाकू विमान को नया जीवन देने के बाद उन्हें नई पीढ़ी की क्लोज कॉम्बैट मिसाइलों के साथ लैस करने पर विचार कर रही है। जगुआर भारतीय वायु सेना का डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट है। राफेल के पहले तक यह परमाणु हमला करने में सक्षम भारत का एकमात्र एयरक्राफ्ट था।
भारतीय वायु सेना जगुआर का संचालन करने वाली दुनिया की एकमात्र वायु सेना है। भारत ने जगुआर को अपग्रेड करके उसकी उम्र में इजाफा किया है। इस विमान में नए अटैक और नेविगेशन एवियोनिक्स लगाए गए हैं।
भारतीय वायु सेना ने जारी किया प्रपोजल
भारतीय वायु सेना ने दो जगुआर विमानों को मोडिफाई करने और नई पीढ़ी के मिसाइलों से लैस करने के लिए विमानन कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं।
भारतीय वायु सेना जगुआर विमान में नया डिस्प्ले अटैक रेंजिंग इनर्शियल नेविगेशन-III (DARIN-III) एवियोनिक्स और हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले चाहती है। नई मिसाइल इन दोनों सिस्टम के साथ इंटीग्रेट होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना जगुआर को नई पीढ़ी की मिसाइलों से लैस करने के लिए उद्योग के प्रस्तावों की तलाश कर रही है। इन विमानों को मिसाइलें, उन्नत डिस्प्ले अटैक रेंजिंग इनर्शियल नेविगेशन-III (DARIN-III) एवियोनिक्स और एक हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम (HMDS) के साथ एकीकृत करने की योजना है।
इस अपग्रेड के बाद इन विमानों की क्षमता में कई गुणा इजाफा हो जाएगा। ASRAAM एक उन्नत इन्फ्रारेड (IR) होमिंग सिस्टम है, जो इसे 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से लक्ष्य को लॉक करने की अनुमति देता है। HMDS के साथ मिलकर, ASRAAM के जरिए पायलट विमान को सीधे उनकी ओर इंगित किए बिना लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं।हालांकि IAF ने हाल ही में DARIN III सहित कई उन्नयनों के माध्यम से जगुआर की क्षमताओं को बढ़ाया है, जिसमें उन्नत एवियोनिक्स और मिशन सिस्टम शामिल हैं।
इसके अलावा इन्फ्रारेड, ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ ASRAAM जगुआर को लड़ाकू जेट, परिवहन विमान, क्रूज मिसाइलों और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) सहित विभिन्न हवाई खतरों का मुकाबला करने में सक्षम बनाता है। भविष्य में माना जा रहा है कि देश में बने तेजस एमके -2 से जगुआर के बेड़े को बदल दिया जाएगा।