पप्पू यादव के समर्थक वायरल कर रहे तेजस्वी के बयान
इंडिया को चुनो या एनडीए को?

पूर्णिया(बिहार): राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव चुनावी सभा से दूर हैं। लोकसभा चुनाव की कमान पूरी तरह से उनके छोटे बेटे और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने संभाल रखी है। तेजस्वी यादवों का वोट बैंक बिखरने से बचाने में तो लगे ही हैं, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को रोकने में उससे भी ज्यादा ताकत झोंके हुए हैं। कांग्रेस में जाकर भी पूर्णिया से राजद प्रत्याशी पूर्व मंत्री बीमा भारती के खिलाफ मैदान में ताल ठोक रहे पप्पू यादव को किनारे लगाने की कोशिश में तेजस्वी यादव कुछ ऐसा बोल गए हैं जो उनके लिए मुसीबत बन गया है। रही-सही कसर उनकी बड़ी बहन मीसा भारती ने पूरी कर दी। अब भारतीय जनता पार्टी के हर स्तर के नेता तेजस्वी यादव को हारा हुआ बता रहे हैं।
क्या बोलते-बोलते क्यों बोल गए तेजस्वी यादव?
तेजस्वी यादव ने 19 अप्रैल और 21 अप्रैल को पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में जनसभा के दौरान जो कहा, उसके साथ यह जानना जरूरी है कि क्या परिस्थितियां थीं। पूर्णिया में जिस समय सभा हो रही थी, उस समय मंच से कुछ दूरी पर तेजस्वी यादव के सामने ही पप्पू यादव जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। पप्पू यादव पूर्णिया में फैक्टर बनकर उभरे हैं.
इससे इनकार एनडीए या महागठबंधन के नेता नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इस नारेबाजी पर तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, लेकिन पप्पू यादव को किनारे करने करने के चक्कर में बोलते-बोलते यह बोल गए- “यह इंडिया की लड़ाई है। या तो आप इंडिया (बिहार में महागठबंधन) को चुनो और अगर इंडिया को नहीं चुनते हो, बीमा भारती (महागठबंधन से राजद प्रत्याशी) को नहीं चुनते हो तो एनडीए को चुनो। साफ बात है…आप लोग जानते हैं कि नहीं… आप लोग जानते हैं कि नहीं… आप लोग जानते हैं कि नहीं…”
यह बातें बोलकर तेजस्वी को लगा कि उन्होंने पप्पू को किनारे लगाने के चक्कर में कुछ गलत बोल दिया है तो आगे बोले- “यह बहन जो आंचल फैलाने का काम कर रही है, उसको एक-एक वोट लालटेन पर बटन दबाकर आप लोग भारी मतों से जिताने का काम करें।”
भाजपा ने दो कदम बढ़कर तेजस्वी का किया स्वागत
तेजस्वी यादव ने वह बातें क्यों-कैसे कही, यह बात किनारे हो गई और वायरल वीडियो के आधार पर जब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मीडिया से बात की तो उनका मजाक ही बना दिया। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से भाजपा प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव हार मान चुके हैं और चूंकि उन्होंने एनडीए के लिए वोट मांगा है तो हम इसके लिए उनका स्वागत-अभिनंदन करते हैं। राज्य के उप मुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने हार की हताशा में यह बातें कही हैं।
तेजस्वी ने फिर पप्पू यादव का नाम लिए बगैर चेताया- “इधर-उधर गुमराह होने की जरूरत नहीं है। यह लड़ाई देश को बचाने, देश को बनाने की लड़ाई है। इसमें आप सब लोग का सहयोग हम लोग चाहते हैं। आप लोग का सहयोग बना रहे, आप लोग का आशीर्वाद बना रहे।” तेजस्वी यादव जब-जब यह बातें कह रहे थे, पूरे समय कुछ लोग पप्पू यादव जिंदबाद का नारा लगाते रहे और उनके लौटते काफिले तक भी आवाज पहुंचाने की कोशिश की।
दरअसल, तेजस्वी यादव ने 19 अप्रैल को पूर्णिया में जो कहा- वही दोहराया भी। पहली बार या दूसरी बार कहने पर भी यह उतना प्रचारित नहीं हुआ। पप्पू यादव के समर्थकों ने पहले तेजस्वी यादव की सभा में नारेबाजी का वीडियो वायरल किया। उसी वीडियो में एक शख्स कह रहा है कि तेजस्वी यादव तो एनडीए को जिताने की बात कह रहे हैं। नारेबाजी के उस वीडियो के वायरल होने के बाद तेजस्वी के असल बयान वाले वीडियो के कुछ हिस्से को अलग से वायरल किया गया। जिसमें वह सिर्फ इंडिया और एनडीए को वोट की बात कहते सुनाई दे रहे हैं।
मीसा भी भ्रम में पड़कर कुछ मसाला ही दे गईं
जब वायरल वीडियो हर तरफ फैल गया तो मीडिया ने आते-जाते पाटलिपुत्र की राजद प्रत्याशी, राज्यसभा सांसद और लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती से तेजस्वी यादव को लेकर प्रतिक्रिया पूछ ली। उन्हें बताया गया कि तेजस्वी यादव ने कहा है कि इंडिया को वोट नहीं देते हैं तो एनडीए को दे दीजिए। इसपर प्रतिक्रिया देने में मीसा भी भ्रमित होकर भी पूरी स्पष्टता से बोल गईं और कहा- “दोनों तो एक ही है। हम तो देश बचाने की बात कर रहे हैं।”
पप्पू यादव ने अंत में क्या कहा, वह भी जान लें
तेजस्वी यादव का यह बयान चूंकि पप्पू यादव को पूर्णिया लोकसभा सीट की लड़ाई से बाहर करने के लिए था, इसलिए इसपर उनकी बातें भी आनी ही चाहिए। जब पप्पू यादव से तेजस्वी के बयान की बात कही गई तो उन्होंने कहा- “वह राजा हैं, हम रंक हैं। हम इन बातों का क्या करें।” पप्पू यादव ने खुद को रंक इसलिए कहा, क्योंकि वह कांग्रेस में होकर भी अपनी पार्टी से यह सीट हासिल नहीं कर सके और निर्दलीय उतरे हैं। दूसरी तरफ पप्पू यादव को लड़ाई से बाहर रखने के लिए तेजस्वी यादव पूर्णिया लगातार आ रहे हैं। मंगलवार को भी वह पूर्णिया में रोड शो करते हुए वहीं रात्रि विश्राम भी करने वाले हैं।
असल लड़ाई पूर्णिया की नहीं, यादव आधिपत्य की!
चाणक्य स्कूल ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा तेजस्वी यादव और पप्पू यादव की लड़ाई को कुछ इस तरह बताते हैं- “पप्पू यादव ने लालू यादव और उनके परिवार को राजा कहा है, क्योंकि वह जानते हैं कि यादवों का वोट लेने के लिए उनकी मुखालफत सामने-सामने से नहीं की जा सकती है।
दूसरी ओर तेजस्वी यादव को भी पता है कि बिहार में किसी यादव और खासकर पप्पू यादव को अगर जीत हासिल हो जाती है तो राज्य की सबसे बड़ी आबादी पर एकछत्र राज करना मुश्किल हो जाएगा। देखा जाए तो आम लोगों में पप्पू यादव के प्रति संवेदनाएं हैं और इसका फायदा उन्हें नहीं मिले, इसी कारण तेजस्वी यादव ने उन्हें किनारे लगाने के लिए दुश्मन के दुश्मन को एक जगह दोस्त बताने की गलती कर दी।”