कब है दुर्गा अष्टमी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त?
नवमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त

लखनऊः नवरात्रि में माता रानी की विधि विधान से पूजा करने से और व्रत रखने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी तरह के कष्ट दूर करती हैं. आइए जानते हैं इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी कब मनाई जाएगी, कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है और 17 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का समापन होगा. माॅ दुर्गा को समर्पित इस त्योहार पर मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधान है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में माता रानी की विधि विधान से पूजा करने से और व्रत रखने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी तरह के कष्ट दूर करती हैं. आइए जानते हैं इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी कब मनाई जाएगी, कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
कब है दुर्गा अष्टमी?
पंचांग के अनुसार दुर्गा अष्टमी चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है. इस बार ये तिथि 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर होगा. उदया तिथि के चलते दुर्गा अष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन माता महागौरी की पूजा करने का विधान है. इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार 16 अप्रैल को अष्टमी मनाई जाएगी. इस अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. इसके चलते आप इसी मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं.
दुर्गा अष्टमी का महत्व
नवरात्रि के आंठवे दिन दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है. इस दिन माता महागौरी की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां महागौरी अष्टमी तिथि के दिन असुरों का वध करने के लिए प्रकट हुई थीं.
इस दिन है दुर्गा नवमी
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दुर्गा नवमी मनाई जाती है. इस साल 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट इस तिथि की शुरुआत होगी और अगल दिन यानी 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्ति होगी. इसके चलते दुर्गा नवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी. इसी दिन राम नवमी का त्योहार भी मनाया जाता है।
नवमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त
दुर्गा नवमी पर सुबह 6 बजकर 27 से लेकर सुबह 7 बजकर 71 मिनट तक कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा. इस अवधि में कन्याओं को भोजन खिला सकते हैं.