कोरोना से भी घातक होगी Disease X महामारी

सर्दी जुकाम से हैं परेशान? तो तुरंत हो जाएं सावधान

नई दिल्ली: भारत समेत दुनिया भर से अभी कोरोना का संकट पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ है. इस बीच वैज्ञानिकों ने अब एक नए वायरस को लेकर चेतावनी दी है, जिसके लक्षण पूरी तरह कोविड-19 से मिलते जुलते हैं. वैज्ञानिकों ने भविष्य के संकट को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगली महामारी डिजीज एक्स (Disease X) की वजह से हो सकती है.

इन्फ्लूएंजा और मौसमी बीमारी से जुड़ा एक परिचित दुश्मन इस अप्रत्याशित और संभावित विनाशकारी भूमिका के लिए एक संभावित खतरे के रूप में उभरा है. अगले सप्ताह के अंत में प्रकाशित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण से पता चलेगा कि 57% वरिष्ठ रोग विशेषज्ञ अब मानते हैं कि इन्फ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार ‘घातक संक्रामक बीमारी’ के अगले वैश्विक प्रकोप का सबसे संभावित कारण है.

सर्दी-जुकाम नहीं है सिर्फ आम परेशानी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि मौसमी फ्लू सिर्फ सर्दियों में होने वाली परेशानी नहीं है. हर साल फ्लू दुनिया भर में अनुमानित 1 अरब लोगों को प्रभावित करता है, जिनमें से लाखों लोग गंभीर जटिलताओं से पीड़ित होते हैं. इससे भी बुरी बात यह है कि यह हर साल सैकड़ों-हजारों लोगों की जान ले लेता है. डब्ल्यूएचओ नए फ्लू स्ट्रेन के खतरों पर जोर देता है, जिसके लिए लोगों में कोई प्रतिरक्षा नहीं है और हमसे इन्फ्लूएंजा को गंभीरता से लेने का आग्रह करता है.

फ्लू के कारण हो सकती है अगली महामारी
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगली महामारी फैलने की वजह फ्लू वायरस हो सकती है. फ्लू वायरस का कोई एक प्रकार घातक संक्रामक बीमारी के वैश्विक प्रकोप का कारण होगा. जर्मनी के कोलोन यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन में इसको लेकर दावा किया गया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन्फ्लुएंजा अभी भी वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी एवियन स्ट्रेन जैसे इन्फ्लुएंजा के फैलने की आशंका जताई है.

वैज्ञानिकों ने Disease X को लेकर दी चेतावनी
अगले सप्ताह बार्सिलोना में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज (ESCMID) कांग्रेस में इस अध्ययन को प्रस्तुत किया जाएगा. एक्सपर्ट्स के अनुसार, अज्ञात ‘डिसीज एक्स (Disease X)’ वायरस को इन्फ्लूएंजा के बाद अगले सबसे संभावित महामारी पैदा करने वाले वायरस के रूप में देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस का एक नया स्ट्रेन कोविड-19 की तरह ‘अचानक’ सामने आ सकता है, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली और अभी भी खतरा बना हुआ है. ये चेतावनी WHO द्वारा अमेरिका के कुछ हिस्सों में तेजी से फैल रहे इन्फ्लूएंजा के H5N1 प्रकार के खतरनाक प्रसार के बारे में चिंता जताने के बाद आए हैं. संगठन ने मामलों की संख्या में वृद्धि की चेतावनी दी है.

कोरोना से 100 गुना ज्यादा हो सकता है खतरनाक?
फार्मास्युटिकल कंपनी के सलाहकार जॉन फुल्टन ने पहले एक बयान में कहा था, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक खराब है. या यह तब ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जब म्यूटेट हो और उच्च मृत्यु दर बनाए रखे. हम इसकी उम्मीद कर सकते हैं कि यह जब एक बार मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए म्यूटेट हो जाता है तो मृत्यु दर कम हो जाए.

WHO के रिकॉर्ड के अनुसार, डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि 2003 के बाद से H5N1 वायरस से संक्रमित प्रत्येक 100 रोगियों में से 52 की मृत्यु हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है. यह दर वर्तमान कोविड-19 मृत्यु दर से तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक है. कोविड-19 से होने वाली मौत का आंकड़ा 0.1 प्रतिशत है.

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