शिक्षा विभाग ने मदरसों के सिलेबस में कर दिया बड़ा बदलाव

प्रयागराजः बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक एवं दो के उर्दू माध्यम और मदरसों की पुस्तकों में बड़ा बदलाव किया गया है। परिषदीय विद्यालयों में उर्दू माध्यम के कक्षा एक एवं मदरसों में पढ़ाई जा रही उर्दू जुबां पुस्तक बंद कर दी गई है। इसके स्थान पर अब शहनाई पढ़ाई जाएगी। यह उर्दू विषय की पुस्तक है। नई पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं। छपाई होने पर यह विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अलावा परिषद के स्कूलों के कक्षा एक और दो के साथ उर्दू माध्यम में एवं मदरसों में गणित तथा अंग्रेजी को अलग विषय कर दिया गया है। अभी यह विषय उर्दू जुबां पुस्तक में ही थे। उर्दू माध्यम व मदरसे के विद्यार्थी गणित विषय अब आनंदमय- रियाजी और अंग्रेजी विषय मृदंगम नाम की अलग-अलग पुस्तक से पढ़ेंगे।

छपाई के बाद उपलब्ध कराई जाएगी पुस्तकें
पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं। छपाई होने पर यह विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाएंगी। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में उर्दू माध्यम से पढ़ने वाले तथा मदरसों के विद्यार्थियों के लिए कक्षा एक की शहनाई एवं आनंदमय रियाजी-1 पुस्तक का निर्माण राज्य शिक्षा संस्थान ने दो संस्थाओं के सहयोग से किया है। इसी तरह कक्षा दो में उर्दू माध्यम एवं मदरसों के लिए गणित विषय के लिए आनंदमय रियाजी-2 पुस्तक तैयार की गई है।

पुस्तकें हो रही हैं तैयार
राज्य शिक्षा संस्थान में सहायक उप निदेशक डा. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम को राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य डा. नवल किशोर के निर्देशन में उत्तर प्रदेश के संदर्भ में कस्टमाइज करके शहनाई और आनंदमय रियाजी पुस्तकें तैयार की गई हैं। इसके अलावा आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान ने कक्षा एक के लिए मृदंगम-1 तथा कक्षा दो के लिए मृदंगम-2 पुस्तक को उत्तर प्रदेश के अनुकूल कस्टमाइज करके तैयार किया है।

पुस्तकों की छपाई के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही
इधर, इस बदलाव के चलते बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक एवं दो के साथ उर्दू माध्यम एवं मदरसों के लिए पुस्तकों की छपाई नहीं हो सकी है। छपाई के लिए शासन स्तर पर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जल्द ही पुस्तकों की छपाई हो जाने के बाद यह जिलों के माध्यम से विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए निशुल्क उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके पहले इस बदलाव के अनुरूप विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की भी तैयारी है।

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