नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर हाई कोर्ट सख्त

स्कूलों में टूटी बेंच और बच्चों को किताबें नहीं

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति को लेकर शिक्षा विभाग के सचिव को फटकार लगाई है। कोर्ट ने 10 सरकारी स्कूलों की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। इन स्कूलों में टूटी बेंच और बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं होने को लेकर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की।

कोर्ट ने कहा कि आप युवाओं को शिक्षा न देकर उन्हें बर्बाद कर रहे हैं
हाई कोर्ट ने कहा कि आप युवाओं को शिक्षा न देकर उन्हें बर्बाद कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि सीनियर अधिकारी से ही प्रशासन चलता है, आपको अपने जूनियर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी अगर वे आपको वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं बता रहे हैं। आपको उन्हें काम करने के लिए प्रेरित करना होगा। अदालत ने कहा कि हमें मजबूरी में आपको यहां बुलाना पड़ा और कहना पड़ा कि आप इलाके के स्कूलों की स्थिति का इंस्पेक्शन करने के बाद यहां आए। कोर्ट ने कहा कि आप खुद मान रहे हैं कि डेस्क तक टूटी हुई हैं। नए सेशन की किताबें तक बच्चों को नहीं मिली है।

हाई कोर्ट ने कहा कि इन स्कूलों की स्थिति बहुत भयानक है। एक क्लास में दो सेक्शन के बच्चे हैं। दो टीचर एक साथ पढ़ा रही हैं। एक तरफ हिस्ट्री और दूसरी तरफ भूगोल एक साथ बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में एजुकेशन सेक्रेटरी से पूछा कि आपको पता है कि आज तिहाड़ की हालत क्या है। क्षमता से अधिक कैदी उसमें बंद हैं। क्षमता 10 हजार की है और वर्तमान में वहां 23 हजार से अधिक कैदी है। क्या आप इन दोनों स्थितियों के बीच संबंध को समझते हैं।

कोर्ट की अवमानना का ठहराएंगे दोषी
कोर्ट ने कहा कि आज आपको हमें 10 स्कूलों की स्थिति के बारे में अंडरटेकिंग देनी होगी और बताना होगा कि बच्चों को कब तक किताबें मिल जाएंगी। अदालत ने कहा कि आप को अपनी शपथपत्र पर अमल करना होगा, वरना हम आपको आदेश की अवमानना को दोषी ठहराएंगे।

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