योगी सरकार बदलने जा रही फ्लैट-मकान रेंट एग्रीमेंट के नियम

पक्की लिखी-पढ़ी के लिए नहीं करने होंगे ज्यादा पैसे खर्च

लखनऊ : फ्लैट-मकान आदि को किराए पर देने की पक्की लिखी-पढ़ी (रजिस्टर्ड एग्रीमेंट) के लिए अब आपको मामूली धनराशि ही खर्च करनी पड़ेगी। राज्य सरकार रेंट एग्रीमेंट (किराया अनुबंध) को पंजीकृत कराने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को काफी हद तक कम करने जा रही है। एक लाख रुपये तक के वार्षिक किराए वाले एक वर्ष के रेंट एग्रीमेंट को सिर्फ 500 रुपये में ही पंजीकृत कराया जा सकेगा।

इसी तरह, 10 वर्ष तक की अवधि के एग्रीमेंट का खर्चा दो हजार रुपये होगा। अगर 10 वर्ष तक की अवधि का वार्षिक किराया छह लाख रुपये तक है तब भी अधिकतम आठ हजार रुपये ही खर्च करने होंगे।

फिलहाल रेंट एग्रीमेंट रजिस्टर्ड कराने पर सालाना किराए का दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है. यही वजह है कि फ्लैट-मकान मालिक और किरायेदार ज्यादातर पक्की लिखा-पढ़ी नहीं कराते. कानून के मुताबिक, 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने की जरूरत नहीं होती. ऐसे में 100 रुपये के स्टांप पेपर पर रेंट एग्रीमेंट बनाकर काम चलाया जाता है. किरायेदार से विवाद होने की स्थिति में मकान मालिक को थाने से लेकर कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं.

ऐसे में योगी सरकार अब मकान मालिकों को राहत देने का मन बना चुकी है. सरकार रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने के खर्च में कटौती करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही लागू किया जाएगा.

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