हूती हमलावरों से जहाजों को बचाने क्यों आगे आ रहा भारत?

नौसेना प्रमुख ने बताई वजह

नई दिल्लीः भारतीय नौसेना की बहादूरी आए दिन देखने को मिल जाती है। हाल ही में अरब सागर में दिखाई उनकी ताकत से हर कोई वाकिफ है। जहां व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों के चंगुल से छुड़ा लिया था। वहीं, अरब सागर, अदन की खाड़ी और लाल सागर में जारी संघर्षों और समुद्री डाकुओं के हमलों के कारण नौसेना लगातार ऑपरेशन चला रही है।

लूटपाट को उद्योग की तरह देख रहे
नौसेना के अदन की खाड़ी, अरब सागर और लाल सागर में चल रहे 100 दिन के अभियान पर एडमिरल आर हरि कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में अव्यवस्था का लाभ उठाने के लिए लुटेरे फिर से सक्रिय हो गए हैं। वह लूटपाट को उद्योग की तरह देख रहे हैं। इसे रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे।

110 लोगों की जान बचाई
उन्होंने कहा कि नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प और अन्य अभियान चलाकर 110 लोगों की जान बचाई है, जिसमें 45 भारतीय और 65 अंतर्राष्ट्रीय नागरिक शामिल हैं। इतना ही नहीं उसने 13 हमले की घटनाओं का भी जवाब दिया है।

एंटी-पायरेसी और एंटी-ड्रोन ऑपरेशन के लिए 10 युद्धपोत तैनात
नौसेना के अधिकारी ने आगे बताया कि समुद्री डकैती के लिए चलाए गए विभिन्न अभियानों में 27 पाकिस्तानियों और 30 ईरानियों सहित 102 लोगों की जान बचाई है। उन्होंने कहा कि भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्गो यातायात को सुरक्षा देने के लिए अरब सागर और आसपास के क्षेत्रों में एंटी-पायरेसी और एंटी-ड्रोन ऑपरेशन के लिए च्-8प् निगरानी विमान, सी गार्जियन ड्रोन और बड़ी संख्या में कर्मियों के साथ 10 युद्धपोतों को तैनात किया है।

ऐसे बनाया था लुटेरों को बंधक
भारतीय नौसेना ने हाल ही में हिंद महासागर और अरब सागर में अपने दबदबे की मिसाल पेश की थी। इसी पर नौसेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऑपरेशन के तहत वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मदद से मार्कोस कमांडो को भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर अरब सागर में एयरड्रॉप किया गया था। साथ ही मार्कोस कमांडो के लिए कई विशेष नौकाएं भी अरब सागर में गिराई गई थीं। इन नौकाओं की मदद से भारतीय मार्कोस कमांडो अगवा किए गए व्यापारिक जहाज एमवी रुएन पर सवार हुए और वहां ऑपरेशन चलाकर समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया।

पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा पकड़े गए
एडमिरल हरि कुमार ने कहा, श्पिछले 10 सालों में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लुटेरे पकड़े गए हैं। वह बड़े जहाज को हाईजैक करने के लिए समुद्र में घूम रहे हैं। हम इसे ही रोकने की कोशिश कर रहे हैं।श्
उन्होंने कहा कि जहाजों के बारे में जानकारी स्वचालित पहचान प्रणाली से जुटाई जा सकती है। यह यमन में हूती विद्रोहियों के लिए आसान है। इसका इस्तेमाल कर वे मिसाइलों और ड्रोन के माध्यम से जहाजों को निशाना बनाते रहे हैं। जहाजों की निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

भारतीय जहाज को निशाना नहीं बनाया
उन्होंने कहा, हमारे किसी भी भारतीय जहाज को निशाना नहीं बनाया गया। हूती विद्रोही इस्राइल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। वे ब्रिटेन और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों के झंडे वाले जहाजों को भी निशाना बना रहे हैं। हम इसमें इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि इन सभी जहाजों पर हमारे चालक दल के सदस्य भी हैं।

उन्होंने आगे कहा, समुद्री डकैती अधिनियम 2022 ने अब हमें समुद्री डाकू जहाजों का दौरा करने, बोर्ड करने और खोज करने में सक्षम बनाया है। पिछले 100 दिनों में, हमने कम से कम 1000 बोर्डिंग की होगी।

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