योगी सरकार की तबादला नीति कैबिनेट पर लगी मुहर
अडानी से बिजली खरीदेगा यूपी, आसान होगा सरकारी कर्मचारियों को तबादला लेना

लखनऊ: यूपी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आज हुई। बैठक के बाद हुई पत्रकार वार्ता में मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बैठक के महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में जानकारी दी। कैबिनेट के फैसलों में प्रदेश में पार्किंग का स्थान तय करने पर चर्चा हुई। कैबिनेट ने फैसला लिया कि उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगमों में एक समान पार्किंग नियम लागू किए जाएंगे। इसके साथ ही साथ प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों की नई नियमों की घोषणा की गई।
इसी बैठक में तबादले की नई नीति पर मुहर लगी। अब प्रदेश के सभी कर्मचारियों के तबादले 15 मई से 15 जून के बीच होगी। उसके पहले संबंधित विभाग में इसकी पूरी प्रक्रिया कर ली जाएगी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (विनिर्माण क्षेत्र) की वैश्विक कंपनियों के साथ अब सेवा क्षेत्र की भी दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनियां यूपी में आएंगी। इसके लिए कैबिनेट ने यूपी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य आईटी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, हेल्थकेयर, ऑटोमोटिव, टेलीकॉम क्षेत्र की वैश्विक कंपनियों को यूपी में निवेश के लिए आकर्षित करना है। इस क्षेत्र में बेहद शानदार वेतन मिलता है जिसका लाभ हर वर्ष न्यूनतम प्रदेश के दो लाख युवाओं को मिलेगा।
प्रदेश में सेवा क्षेत्र यानी सर्विस सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 90 फीसदी नौकरियां अधिकतम 60 से 70 हजार रुपये महीना तक हैं, जबकि सर्विस सेक्टर में एक लाख से पांच लाख रुपये महीना सामान्य पैकेज है।
इसे देखते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज को जीसीसी नीति के तहत सेवा क्षेत्र के गढ़ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका सीधा फायदा हर वर्ष विभिन्न संस्थानों से निकलने वाले 15 लाख युवाओं को मिलेगा। इनमें 60 हजार से ज्यादा इंजीनियरिंग व आईटी स्नातक होंगे।
अडानी से बिजली खरीदेगा यूपी
यूपी में बिजली की खरीद अडानी पॉवर लिमिटेड से होगी। लगभग 5 रूपए 38 पैसे प्रति यूनिट की दर से यह बिजली खरीदी जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक इससे 2958 करोड़ की बजत होगी।
ये हैं कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
1- राज्य कर्मचारियों की तबादला नीति को मंजूरी, 15 मई से 15 जून के बीच होंगे तबादले
2- शहरों में नई पार्किंग नीति को मंजूरी, पीपीपी मॉडल पर बनेगी पार्किंग
3- पहले चरण में 17 नगर निगमों में पार्किंग नीति की होगी शुरूआत
4- पार्किंग के लिए पांच साल के लिए दिया जाएगा लाइसेंस
5- पार्किंग का किराया नगर निगम तय करेंगे
6- राज्य कर विभाग का दर्जा, व्यवसायिक से बदलकर सेवारत विभाग किया गया
7- उत्तरप्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क( स्थापना व विनियमन) नीति 2025 प्रस्ताव को मंजूरी
प्राइवेट बसों के लिए बनेंगे बस स्टैंड
यूपी में निजी बसों के संचालन को व्यवस्थित करने के लिए सरकार उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 लागू करेगी। इसके तहत सभी 75 जिलों में प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड बनाए जाएंगे। इन बस अड्डों पर यात्रियों और ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नई नीति से यातायात व्यवस्था सुधरेगी और यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
1500 मेगावाट बिजली की खरीद
बिजली आपूर्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार 1600 मेगावाट की परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का प्रस्ताव पारित करेगी। यह खरीद प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर होगी, जिससे राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश में बिजली व्यवस्था बेहतर होगी।
आसान होगा सरकारी कर्मचारियों को तबादला लेना
कैबिनेट से मंजूर स्थानांतरण नीति-2025-26 में कर्मचारियों को कई सहूलियत दी गई है। नीति में मानसिक मंदित और चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती वहां करने की व्यवस्था की गई है, जहां उनके बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। प्रदेश के 100 आकांक्षी विकास खंड वाले 34 जिलों में किसी भी विभाग में कोई पद खाली नहीं रहेगा।
तबादला सत्र के बाद समूह क के साथ ही समूह ख के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन से होगा। नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने मंगलवार की शाम स्थानांतरण नीति संबंधी शासनादेश जारी भी कर दिया। तबादले के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च 2025 को माना जाएगा। दायरे में न आने वाले समूह ग के कर्मचारियों का पटल जरूर बदला जाएगा। समूह क व ख की तय सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए सीएम से अनुमति लेनी होगी। समूह ग व घ के 10 प्रतिशत से अधिक होने पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ग और घ का स्थानांतरण मानव संपदा पोर्टल से होगा। तबादले के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन होगी। समूह क के अधिकारियों का उनके गृह जिले में तबादला नहीं होगा।